Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-37

यादो की शाल ओढकर वो आवारा गरदियाँ
कुछ यूँ भी गुजारी है हमने दिसम्बर की सर्दियाँ.,.!!



आज फिर वो ख़फ़ा है..
खैर...कौन सा ये पहली दफा है.,.!!



अरे बददुआये … किसी ओर के लिए रख,
मोहब्बत का मरीज हूँ, खुद ब खुद मर जाऊँगा…!!



रजाईयां नहीं हैं....उनके नसीब में...
गरीब गर्म हौंसले ओढ़कर सो जाते हैं..!!




रात भर महका कमर मेरा मोगरे की ख़ुश्बू से
बहुत दिनों बाद मेरे ख्वाबों में तुम आये थे...!!




ए दिसंबर तू भी मेरे जैसा ही है,
आख़िरी में आता है सबको ख़याल तेरा,.,!!



कौन कहता है वक़्त मरता नहीं
हमने सालों को ख़त्म होते देखा दिसंबर में,.,!!



याद-ए-यार का मौसम और सर्द हवाओं का आलम
ऐ दिल जरा सम्हल के दिसंबर जा रहा है,.,!!




ऐ दिल! चुप हो जा बस बहस ना कर
उसके बिना साल गुजर गया "दिसंबर और गुजर जाने दे,.,!!



काश के कोई मेरा अपना सम्भाल ले मुझको,
बहुत थोड़ा रह गया हूँ में भी दिसंबर की तरह,.,!!



एक और ईंट गिर गई दीवार-ए-जिंदगी से:
नादान कह रहे हैं, नया साल मुबारक हो.,.!!



तेरा चुप रहना मिरे ज़ेहन में क्या बैठ गया
इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया,.,!!



वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इसकी भी आदमी सी है..!!



ये साल भी उदासियाँ दे कर चला गया
तुमसे मिले बग़ैर दिसम्बर चला गया,.,!!



एक चिनगारी कहीं से ढूँढ लाओ दोस्तों,
इस दिए में तेल से भीगी हुई बाती तो है !!



बस तुम्हें पाने की अब तमन्ना नहीं रही,
मोहब्बत तो आज भी बेशुमार करते हैं...!!!



सुनो ,
हम मर मिटे हैं तुम पर...
आओ वो "क़ुबूल" "क़ुबूल" "क़ुबूल" वाला रिश्ता जोड़ें...!!!



उलझा रही है मुझको,यही कश्मकश आजकल;,
तू आ बसी है मुझमें, या मैं तुझमें कहीं खो गया हूँj.



नक़ाब उठ गया महफिल में तेरे आने से..
हिजाब मिट गया इक नज़्म गुनगुनाने से..
जमाल घुल गया था इस क़दर फ़िज़ाओं में....
शराब बन गया पानी तेरे नहाने से...



रक़ीबों के खंज़र से डर नही लगता अब (रक़ीबों=दुश्मनों)
दिल परेशां है अपनों के गैर हो जाने से




Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-36

वो बस जाती है फकीरी में अक्सर ,
तहजीब दौलत की मोहताज नहीं होती,.,!!



मुक़द्दर में लिखा कर लाएँ हैं हम दर-बदर फिरना
परिंदे कोई मौसम हो परेशानी में रहते हैं,.,!!



उनकी एक झलक पे ठहर जाती है नज़र....खुदाया
कोई हमसे पुछे...दीवानगी क्या होती है ,.,!!!




हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता,.,!!



उसका काला टीका किसी सुदर्शन चक्र से कम नहीं..
माँ एक उंगली काजल से सारी बलायें टाल देती है..!!



अजीब ज़माना आया हैं वो शख्स खफा सा लगता हैं ,
मैं दिल तो दे दूँ उस को मगर वो बेवफा सा लगता हैं .,.,!!



जब से उस ने शहर को छोड़ा हर रस्ता सुनसान हुआ
अपना क्या है सारे शहर का इक जैसा नुक़सान हुआ,.,!!!



अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी
मुझे मिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले,.,!!!



ऐ बेख़ुदी ठहर कि बहुत दिन गुज़र गए
मुझको ख़याल-ए-यार कहीं ढूँडता न हो,.,!!



फुर्सत मिले अगर दूसरो से तो समझना मुझे ज़रूर
तुम्हारी उलझनों का मै मुकम्मल इलाज हूँ.,.,!!



एक रात आप ने उम्मीद पे क्या रक्खा है
आज तक हम ने चराग़ों को जला रक्खा है,.,!!



उम्र कैसे कटेगी 'सैफ़' यहाँ
रात कटती नज़र नहीं आती,.,!!



मुझ को ऊँचाई से गिरना भी है मंज़ूर,
अगर उस की पलकों से जो टूटे, वो सितारा हो जाऊँ !



जाने तू क्या ढूँढ रहा है बस्ती में वीराने में
लैला तो ऐ क़ैस मिलेगी दिल के दौलत-ख़ाने में !!!



खत की खुशबू ये बता रही थी ,.,
लिखते हुए उसकी जुल्फें खुली थी ,.,!!



दिल खामोश सा रहता है आज कल
मुझे शक है कहीं मर तो नही गया !!



ग़रीबों पर तो मौसम भी हुक़ूमत करते रहते हैं,
कभी बारिश कभी गर्मी कभी ठंड का क़ब्ज़ा है.,.!!



ख़्वाब की वादियो से निकलता हुआ
चाँद सो कर उठा आँख मलता हुआ,.,!!



फैसला हो जो भी, मंजूर होना चाहिए ,
जंग हो या इश्क, भरपूर होना चाहिए,.,!!




Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-35

मैं शब्द तुम अर्थ,
तुम बिन मैं व्यर्थ,.,!!!



एक नाम क्या लिखा तेरा साहिल की रेत पर
फिर उम्र भर हवा से मेरी दुश्मनी रही ,.,!!




किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
अल्फ़ाज़ से भरपूर मगर ख़ामोश,.,!!



आज तक उसकी मोहब्बत का नशा जारी है ,.,
फूल बाकी नहीं , खुशबू का सफर जारी है ,.,!!!



ये मोबाइल के आशिक क्या समझें
कैसे रखते थे खत में कलेजा निकाल के ,.,!!



दिल को हम ढूँडते हैं चार तरफ़ और यहाँ आप लिए बैठे हैं ,.,!!.



तबीअत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में
हम ऐसे में तेरी यादों की चादर तान लेते हैं ,.,!!



मैंने ही मैखाने को मैखाना बनाया,
ओर मेरे ही मुक़द्दर में कोई जाम नहीं.,.!!



जिसे मैं ढूँढ रहा था कभी किताबों में,
वो बेनकाब हुआ आकर मेरे ही ख्वाबों में,.,!!



कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी,.,!!



सिर्फ़ इतना फ़ासला है ज़िंदगी से मौत का
शाख़ से तोड़े गए गुल-दान में रक्खे रहे,.,!!



दुआ देते हुए तुम को गुज़र जाएँगे दुनिया से,
मिज़ाजों के क़लन्दर हैं हमें दुनिया से क्या लेना,.,!!



उम्र कितनी मंजिलें तय कर चुकी...
दिल जहां ठहरा ठहरा ही रह गया ...!!



देखें क़रीब से भी तो अच्छा दिखाई दे
एक आदमी तो शहर में ऐसा दिखाई दे,.,!!



कुछ ज़माने की रविश ने सख़्त मुझको कर दिया
और कुछ बेदर्द मैं उसको भुलाने से हुआ ,.,!!



कुछ देख रहे हैं दिल-ए-बिस्मिल का तड़पना
कुछ ग़ौर से क़ातिल का हुनर देख रहे हैं !!



आशिक़ी में 'मीर' जैसे ख़्वाब मत देखा करो
बावले हो जाओगे महताब मत देखा करो,.,!!



रोएँगे देख कर सब बिस्तर की हर शिकन को
वो हाल लिख चला हूँ करवट बदल बदल कर,.,!!



फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था
सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था,.,!!



दिल की बातें दूसरों से मत कहो लुट जाओगे
आज कल इज़हार के धंधे में है घाटा बहुत,.,!!




Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-34

अगर मै खुद याद ना करू तो तुम पूछते भी नहीं
और बातें यू करते हो जैसे सदियों से तलबगार हो मेरे ,.,!!



जो सपने हमने बोए थे,नीम की ठंडी छाँवों में
कुछ पनघट पर छूट गए,कुछ काग़ज़ की नावों में,.,!!




चाहे जितने इम्तिहान ..आ वक़्त मेरे ले तू
सदा अव्वल आने में माहिर तो हम भी हैं ,.,!!!



बाद मरने के भी उसने छोड़ा न दिल जलाना फ़राज़
रोज़ फ़ेंक जाती है फूल साथ वाली कब्र पर,.,!!



इलाज-ए-दर्द-ए-दिल तुमसे मसीहा हो नहीं सकता
तुम अच्छा कर नहीं सकते, मैं अच्छा हो नहीं सकता,.,!!



दिल में नफ़रत हो तो चेहरे पे भी ले आता हूँ
बस इसी बात से दुश्मन मुझे पहचान गए,.,!!



गिरजा में, मंदिरों में, अज़ानों में बट गया होते ही
सुब्ह आदमी ख़ानों में बट गया ,.,!!



वाकिफ़' तेरी आँखों की तारीफ़ कोई करता ही रहा,
क्या ख़बर उसे, ये आँखें अन्धी हैं, किसी के इश्क़ में..!!



अब उसकी शक्ल भी मुश्किल से याद आती है
वो जिसके नाम से होते न थे जुदा मेरे लब ,.,!!



इश्क़ और तबियत का कोई भरोसा नहीं..
मिजाज़ से दोनों ही दगाबाज़ है, जनाब...!!



मुझे मालूम है मेरा मुक़द्दर तुम नहीं...
लेकिन....
मेरी तक़दीर से छुप कर मेरे इक बार
हो जाओ..!!




सारी दुनिया खामोश,.,
बस तेरी बाहें , तेरा आगोश,.,
तुम_साथ_हो.... मै हूँ मदहोश,
बस दो लब हो...और दोनों बेहोश,.,!!!



जो हैरान है मेरे सब्र पर, उनसे कह दो..
जो आंसू जमीं पर नहीं गिरते, दिल चीर जाते हैं..!!



चुरा के मुट्ठी में दिल को छुपाए बैठे हैं
बहाना ये है कि मेहंदी लगाए बैठे हैं,.,.!!!



मेहंदी लगाए बैठे हैं कुछ इस अदा से वो
मुट्ठी में उनकी दे दे कोई दिल निकाल के,.,!!



फैसला उसने लिखा~कलम मैंने तोड़ दी..!!
आज हमारे प्यार को हाय~फांसी हो गई..!!



मेहँदी लगाने का एक फायदा ये भी हुआ
वो रात भर हमारे बाल समेटते रहे,.,!!!



उसके चेहरे की चमक के सामने सादा लगा
आसमाँ पे चाँद पूरा था, मगर आधा लगा



ऐ जिंदगी..मेरे घर का सीधा सा पता है !
मेरे घर के आगे "मुहब्बत" लिखा है !!



हम अपने-अपने चिरागों पर खूब इतराए,.,
पर उसे ही भूल गए जो हवा चलाता है,.,!!!




Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-33

एक पल में वहाँ से हम उठे
बैठने में जहाँ ज़माने लगे ,.!!



यारो... कितने सालों के इंतज़ार का सफर खाक हुआ,.
उसने जब पूछा...कहो कैसे आना हुआ,.,!!



अभी अरमान कुछ बाक़ी हैं दिल में
मुझे फिर आज़माया जा रहा है ,.,!!



सारी दुनिया के हैं वो मेरे सिवा
मैंने दुनिया छोड़ दी जिन के लिये,.,!!



कुछ तुम्हारी निगाह काफ़िर थी
कुछ मुझे भी ख़राब होना था ,.,!!



ज़माना हो गया ख़ुद से मुझे लड़ते-झगड़ते
मैं अपने आप से अब सुल्ह करना चाहता हूँ,.,!!



किस तरह जमा कीजिए अब अपने आप को
काग़ज़ बिखर रहे हैं पुरानी किताब के,.,!!




रात फिर अपना जादू चलाने लगी है,
मेरा बर्बाद होना बाकी है अभी शायद,.,!!



ये बेवफाओ का शहर है ग़ालिब
दिल संभाल के रखना
अभी नये आये हो न...!!



हो मुख़ातिब तो कहूँ क्या मर्ज़ है मेरा;
अब तुम ख़त में पूछोगे, तो ख़ैरियत ही कहेंगे..!!



तोड दिये सारे आईने अपने घर के मैने
इश्क मे ठुकराए लोग मुझसे देखे नही जाते,.,!!



वो जो तुमने एक दवा बतलाई थी ग़म के लिए,
ग़म तो ज्यूं का त्यूं रहा बस हम शराबी हो गये !!



कई जवाबों से अच्छी है ख़ामुशी मेरी
न जाने कितने सवालों की आबरू रक्खे,.,!!



ग़ैर को आने न दूँ, तुमको कहीं जाने न दूँ
काश मिल जाए तुम्हारे घर की दरबानी मुझे,.,!!



मेरे हबीब मेरी मुस्कुराहटों पे न जा
ख़ुदा-गवाह मुझे आज भी तेरा ग़म है,.,!!



हमने क्या पा लिया हिंदू या मुसलमां होकर
क्यों न इंसां से मुहब्बत करें इंसां होकर,.,!!



ज़हर देता है कोई, कोई दवा देता है
जो भी मिलता है मेरा दर्द बढ़ा देता है,.,!!



वादे वफा के और चाहत जिस्म की..
अगर ये प्यार है तो हवस किसे कहते है...!!



कर लिया हर ताल्लुक खत्म उस शख्स से
जो निकाल देता है कमी, मेरी हर बात पे,.,!!



जब इत्मीनान से, खंगाला खुद को,
थोड़ा मै मिला , और बहुत सारे तुम,.,!!




Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-32

ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता
एक ही शख़्स था जहान में क्या,.,!!



बुत-ख़ाना तोड़ डालिए मस्जिद को ढाइए
दिल को न तोड़िए ये ख़ुदा का मक़ाम है,.,!!



जो भी कुछ अच्छा बुरा होना है जल्दी हो जाए
शहर जागे या मिरी नींद ही गहरी हो जाए,.!!




यूँ ही जंग कभी जीती नहीं जा सकती
क़दम अपना मैदान में रखना पड़ता है,.!!



मकतब-ए-इश्क़ का दस्तूर निराला देखा
उस को छुट्टी न मिली जिस को सबक़ याद हुआ,.,!!



नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती है
उन की आग़ोश में सर हो ये ज़रूरी तो नहीं,.,!!



अब ये आलम है कि मेरी ज़िंदगी के रात दिन
सुब्ह मिलते हैं मुझे अख़बार में लिपटे हुए,.,!!



साए ढलने चराग़ जलने लगे
लोग अपने घरों को चलने लगे,.,!!



हँस के मिलता है मगर काफ़ी थकी लगती हैं
उस की आँखें कई सदियों की जगी लगती हैं,.,!!



देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से,.,!!



हर गली कूचे में रोने की सदा मेरी है
शहर में जो भी हुआ है वो ख़ता मेरी है,.,!!



जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा
किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता,.,!!



मुझे दुश्मनों से भी खुद्दारी की उम्मीद रहती है
सर किसी का भी हो क़दमो में अच्छा नहीं लगता,.,!!



तेरी आंखों में हमने क्या देखा
कभी कातिल कभी खुदा देखा,.,!!



हमें तो उसकी आवाज़ ने ही दीवाना बना दिया था,
खुदगर्ज़ हैं वो लोग जो चेहरा देख के प्यार करते है !!



सुनो माहौल बड़ा ही रंगीन है,आज की शाम का....
मुझमे और फलक में, दोनों में ही मोहब्बत बिखरी हुई है..!!



नींद भी नीलाम हो जाती है बाज़ार-ए- इश्क में,
किसी को भूल कर सो जाना आसान नहीं होता !!



दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो
ये ओर बात है कि किस्मत दग़ा कर गयी !!



लोग दीवाने हैं बनावट के साहब,
हम अपनी सादग़ी ले के कहां जाएं !!



मिला था एक दिल जो तुमको दे दिया,
हजारों भी होते तो तेरे लिए होते !!

Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-31

कितना कुछ जानता होगा वो शख्स मेरे बारे में,
मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया की तुम उदास क्यों हो?



जिस्म से होने वाली मुहब्बत का इज़हार आसान होता है,
रुह से हुई मुहब्बत को समझाने में ज़िन्दगी गुज़र जाती है !!



तजुर्बे ने एक ही बात सिखाई है ,
नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है !!



एक चाहने वाला ऐसा हो,
जो बिलकुल मेरे जैसा हो !!





लूट लेते हैं अपने ही, वरना गैरों को क्या पता
इस दिल की दीवार कमजोर कहाँ से है !!



मुझको मालुम था कि मेरी कमी तुझको महसुस होगी,
युं ही नही था महफिल में तेरा बार बार नजरें घुमाना,.,!!



लगता है गुजर जायेगा ये मौसम भी मोह्हबत का...
मुझको तोहफे में तन्हाईयां देकर..!!



किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देते
सवाल सारे ग़लत थे जवाब क्या देते,.,!!



लफ्ज़-ए-तसल्ली तो इक तक़ल्लुफ़ है साहिब,
जिसका दर्द, उसी का दर्द; बाक़ी सब तमाशाई,.!!



ये और बात कि आँधी हमारे बस में नहीं
मगर चराग़ जलाना तो इख़्तियार में है,.,!!



एक दिन दोनों ने अपनी हार मानी एक साथ
एक दिन जिससे झगड़ते थे उसी के हो गए,.,!!



उन दिनों घर से अजब रिश्ता था,
सारे दरवाज़े गले लगते थे,.,!!



ख़्वाबों से न जाओ कि अभी रात बहुत है
पहलू में तुम आओ कि अभी रात बहुत है,.,!!



मुझ को समझ न पाई मेरी ज़िंदगी कभी
आसानियाँ मुझी से थीं मुश्किल भी मैं ही था,.,!!



आशिक़ समझ रहे हैं मुझे दिल लगी से आप
वाक़िफ़ नहीं अभी मेरे दिल की लगी से आप,.,!!



शहर में ओले पड़े हैं सर सलामत है कहाँ
इस क़दर है तेज़ आँधी घर सलामत है कहाँ,.,!!



रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़
कम से कम रात का नुक़सान बहुत करता है,.,!!



माँ ने दूध में ज़रा सा पानी मिलाया था...
बच्चे दो थे...हिसाब लगाया था,.,!!



कुछ मजबूरियाँ भी बना देती हैं मजदूर,
मुफलिसी देखती नहीं उम्र किसी की!!



चीख उठे जब ख़ामुशी ,हिलने लगे पहाड़ !
सुनी नहीं है आपने ,चुप की कभी दहाड़ !!



सरहद से आया नहीं , होली पे क्यूँ लाल !
माँ की आँखें रंग से , करती रही सवाल !!

Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-30

जाने कितने झूले थे फाँसी पर,कितनो ने गोली खाई थी. 🙏
क्यो झूठ बोलते हो साहब, कि चरखे से आजादी आई थी.



इस दुनिया ने मेरी वफ़ा का कितना ऊँचा मोल दिया,,
बातों के तेजाब में सदैव, मेरे मन का अमृत घोल दिया,,,!!




जिसे पूजा था हमने वो तो ख़ुदा ना हो सका,
हम ही इबादत करते करते फ़क़ीर हो गये.,.,!!



मंदिरों में आप ,मनचाहे भजन गाया करें,
मयकदा है ये यहाँ तहज़ीब से आया करें,.,!!!



औरतें काम पे निकली थीं बदन घर रख कर ~
जिस्म ख़ाली जो नज़र आए तो मर्द आ बैठे..!!



आँख खोली तो दूरियाँ थीं बहुत
आँख मीची तो फ़ासला न रहा,.,!!



सुलगती प्यास ने कर ली है मोर्चा-बंदी
इसी ख़ता पे समुंदर ख़िलाफ़ रहता है,.,!!



बस अंधेरे ने रंग बदला है
दिन नहीं है सफ़ेद रात है ये,.,!!



तुम समुंदर की रिफ़ाक़त पे भरोसा न करो
तिश्नगी लब पे सजाए हुए मर जाओगे,.,!!



वो कह कर चले गए कि- कल से भूल जाना हमें,
हमने भी सदियों से आज को रोक रख्खा है!!



दो निवालों के लिए दोहरे हुए बदन,.,
उफ़ ! मंज़र ये और देखा तो ज़हर खाना पड़ेगा,.,!!



अब तक शिकायतें हैं दिल-ए-बद-नसीब से
एक दिन किसी को देख लिया था क़रीब से,.,!!



मैं बदलते हुए हालात में ढल जाता हूँ
देखने वाले अदाकार समझते हैं मुझे ,.,!!



झूठ पर कुछ लगाम है कि नहीं
सच का कोई मक़ाम है कि नहीं
आ रहे हैं बहुत से 'पंडित' भी
जाम का इन्तज़ाम है कि नहीं,.,!!!



बदल देना है रस्ता या कहीं पर बैठ जाना है ...
कि थकता जा रहा है हम-सफ़र आहिस्ता आहिस्ता,.,!!



तुम यूँ ही नाराज़ हुए हो वर्ना मय-ख़ाने का पता
हम ने हर उस शख़्स से पूछा जिस के नैन नशीले थे,.,!!




वो ज़ख्म जो इलाज की हद से गुजर गये,
तेरी नजर के एक इशारे से भर गये,.,!!



है मेरे सामने तेरा किताब सा चेहरा
और इस किताब के औराक़ उलट रहा हूँ मैं,.,!!



तुम्हारी याद के जब जख्म भरने लगते है
किसी बहाने तुमको याद करने लगते हैं,.,!!



इक अमीर शख़्स ने हाथ जोड़ के पूछा एक ग़रीब से
कहीं नींद हो तो बता मुझे कहीं ख़्वाब हों तो उधार दे.,.,!!

Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-29

नतीजा एक सा निकला दिमाग और दिल का
कि दोनों हार गए तुम्हारे इश्क में.,.!!



डायरी के आखिर में नाम लिखा जो तुम्हारा
सभी पन्नो में कानाफूसी शुरू हो गयी !!



तारीखों मे बँध गया है अब इजहार-ए-मोहब्बत भी..
रोज़ प्यार जताने की अब किसी को फुरसत कहाँ..!!



जख्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख,
तुम हँसे तो मैं भी तेरे साथ हँस दी...!!



पता नही कब जाएगी तेरी लापरवाही की आदत....
पागल कुछ तो सम्भाल कर रखती मुझे भी खो दिया....!!



अपनी आँखों से निचोड़ूँगा किसी रोज़ उसे
करता रहता है बहुत मुझ से किनारा पानी,.,!!!



ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता
एक ही शख्स था जहाँ मे क्या..!!



नींद आए या ना आए, चिराग बुझा दिया करो,
यूँ रात भर किसी का जलना, हमसे देखा नहीं जाता....!!



देखने वाला कोई मिले तो दिल के दाग़ दिखाऊँ
ये नगरी अँधों की नगरी किस को क्या समझाऊँ,.,!!



खाली-सा पिंजरा लिए फिरता है...
एक नन्हा-सा परिंदा सड़कों पर!!



वो गली हमसे छूटती ही नहीं
क्या करें आस टूटती ही नहीं ,.,!!



एक परिंदा रोज टकराता है मेरे घर के
खिडकियों के शीशों से
जरूर इस इमारत की जगह कोई दरख्त रहा होगा !!



तुम भीगने का वादा तो करो जान...
बारिश मैं लेकर आऊंगा,.,!!




कुछ न था मेरे पास खोने को
तुम मिले हो तो डर गया हूँ मैं,.,!!!




बड़ी अारजू थी महबूब को बे नक़ाब देखने की
दुपट्टा जो सरका तो ज़ुल्फ़ें दीवार बन गयी,.,!!




मुझे इतना भी मत घुमा ए जिंदगी
मै शहर का शायर हूँ MRF का टायर नही,.,!!



यार भी राह की दीवार समझते हैं मुझे
मैं समझता था मेरे यार समझते हैं मुझे,.,!!



दरवाजें बड़े करवाने है। मुझे अपने आशियाने के,.,
क्योकि कुछ दोस्तो का कद बड़ा हो गया है चार पैसे कमाने से,.,!!



धूप में कौन किसे याद किया करता है
पर तेरे शहर में बरसात तो होती होगी ,.,!!



आइना देख के कहते हैं संवरने वाले
आज बे-मौत मरेंगे मेरे मरने वाले,.,!!




Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-28

जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है,.,!!

Jo na gujaari na ja saki hamse
Hamne wo jindagi gujari hai




मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन ले
अब बहुत देर में आज़ाद करूँगा तुझ को,.,!!

Meri bahon me bahkane ki saja bhi sun le
Ab bahut der me azaad karu ga tujhko






सब से पहले दिल के ख़ाली-पन को भरना
पैसा सारी उम्र कमाया जा सकता है,.,!!

Sabse pahle dil ke khalipan ko bharna
Paisa sari umra kamaya ja sakta hai





बहाना कोई तो दे ऐ जिंदगी ,.,
के जीने के लिए मजबूर हो जाऊं ,.,!!

Bahana koi to de ae jindagi
Ke jeene ke liye majboor ho jau





सहमा सहमा डरा सा रहता है
जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है,.,!!

Sahma sahma dara sa rahta hai
Jane kyun jee bhara sa rahta hai





पूछा जो हुस्न क्या है जवानी क्या चीज़ है,
हर- शख्स -की ज़ुबाँ पे तेरा नाम आ गया,.,!!

Poochha jo husn kya hai? Jawani kya cheej hai?
Har shaksh ki juban pe tera naam aa gaya





उसे सोने की ज़ंजीरों से बँधना अच्छा लगता है,
मेरी चाहत के धागों से कहाँ वो शख्स बँधता है,.,!!

Use sone ki janjeeron me bandhna achha lagta hai
Meri chahat ke dhango se kahan wo shaksh bandhta hai





मुस्कुराई तो लब उसके ऐसे दिखे,
बाग़ में कोई गुलाब खिल गया जैसे.,!!

Mukrayee to lab uske aise dikhe
Baag me koi gulaab khil gaya jaise





सारी दुनिया के हैं वो मेरे सिवा
मैं ने दुनिया छोड़ दी जिन के लिए,.,!!

Saari duniya ke hain wo mere siwa
Maine duniya chhod di jinke liye





छोड़ आया हूँ पीछे सब आवाज़ों को
ख़ामोशी में दाख़िल होने वाला हूँ,.,!!

Chhod aaya hun peechhe sab awajon ko
Khamoshi me daakhil hone wala huli





न हार अपनी न अपनी जीत होगी
मगर सिक्का उछाला जा रहा है,.,!!





बे-ज़ार हो चुके हैं बहुत दिल-लगी से हम
बस हो तो उम्र भर न मिलें अब किसी से हम,.,!!





हम पशु में भी भगवान देख लेते हैं।
वो इंसान को भी काफ़िर कह क़त्ल कर देते हैं,.,!!





एक दिल होता तो एक बार टूटता ग़ालिब..
तुम तो सीने में हज़ार दिल लिये फिरते हो,.,!!





जिस नज़र से हुयी थी हमको मोहब्बत
आज भी उस नज़र को तलाशते फिरते हैं,.,!!





बैठे बैठे दिमाग में ख्याल आया
मैं मर-मरा जाऊँगा तो आप सबको पता कैसे चलेगा ?





ये जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों ने
लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई,.!!

Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-27

हम पे इलजाम ऐसे भी है वैसे भी,
हम तो बदनाम ऐसे भी हैं वैसे भी..!!



आप अगर सत्य का साथ नहीं दे सकते,
तो फिर आप किसी का भी साथ नहीं दे सकते...!!




लोग तेरा जुर्म देखेंगे, सबब देखेगा कौन?
यहाँ सब प्यासे हैं, तेरे खुश्क लब देखेगा कौन?



रंग लाती हो कहाँ से, ये बता दो, तितलियों
ज़िन्दगी में हम भी, कुछ अब ,रंग तो भरते चलें !!



माना कि औरों के जितना पाया नहीं,
पर खुश हूँ कि स्वयं को गिरा कर कुछ उठाया नहीं,.,!!



ना जाने केसे इम्तिहान ले रही है ज़िन्दगी आजकल
मुक़दर ️मोहब्बत ओर दोस्त..तीनों नाराज़ रहते है,.,!!



आजकल बादलों के भी, ना जाने कौन से ख्वाब टूटे हैं
कम्बख्त सारा दिन बरसते रहते हैं, उसी के शहर में,.,!!




शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई
दिल था कि फिर बहल गया जाँ थी कि फिर सँभल गई,.,!!




दिल मुझे उस गली में ले जा कर
और भी ख़ाक में मिला लाया,.,!!




तुम भूल कर भी याद नहीं करते हो कभी
हम तो तुम्हारी याद में सब कुछ भुला चुके



फिर उस ने छेड़ दी हैं ऐसी कुछ दिलचस्प बातें
हम अपने मसअले को भूल कर बैठे हुए हैं,.,!!



ये और बात कि बाज़ी इसी के हाथ रही
वगर्ना फ़र्क़ तो ले दे के एक चाल का था,.,!!



करता ही जाऊँ अनसुनी अपने ज़मीर की..
इतना भी तुझपे जिन्दगी, मरता नहीं हूँ मैं !!



जब तक है डोर हाथ में तब तक का खेल है
देखी तो होंगी तुम ने पतंगें कटी हुई,.,!!



मुझसे ना माँगिए मशवरे मंदिर और मस्जिद के मसलो पर

मै इंसान हु साहब खुद किराए के घर मे रहता हू।





एक पुराना सुखा गुलदस्ता पड़ा है अब भी कोने में,
कौन कहता है की घरो में
कब्रिस्तान नहीं होते...





वो मुझे छोड़ के इक शाम ही गए थे ,,,‘
’ज़िंदगी अपनी उसी शाम से आगे न बढी,,..





ख़ंजर पे कोई दाग न दामन पे कोई छींट ?
तुम क़त्ल करते हो ! के करामात करते हो





हटाओ आईना उम्मीदवार हम भी हैं
तुम्हारे देखने वालों में यार हम भी हैं,.,!!





इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ
वगरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैं ने,.,!!

Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-26

न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं
अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं,.!!



मेरे सुर्ख़ लहू से चमकी कितने हाथों में मेहंदी
शहर में जिस दिन क़त्ल हुआ मैं ईद मनाई लोगों ने...!!



ज़िंदगी तुझ से हर इक साँस पे समझौता करूँ
शौक़ जीने का है मुझ को मगर इतना भी नहीं,.,!!



और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लगा के देख लिया...!!



आँखों में छलकते हैं आँसू दिल चुपके चुपके रोता है
वो बात हमारे बस की न थी जिस बात की हिम्मत कर बैठे,.,!!



हर एक शख़्स भटकता है तेरे शहर में यूँ
किसी की जेब में जैसे तेरा पता ही न हो,.,!!



ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम
मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं,.,!!!



कभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए है
ज़िंदगी शाम है और शाम ढली जाए है,.,!!



बिखरा दी वहीं ज़ुल्फ़ ज़रा रुख़ से जो सरकी
क्या रात ढले रात वो ढलने नहीं देते,.,!!



तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें
हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया,.!!



रुकावटें तो ज़िन्दा इन्सान के हिस्से में ही आती हैं;
अर्थी के लिए तो सब रास्ता छोड़ देते हैं,.,!!



फुर्सत नहीं देती ये जिंदगी …….
चंद लम्हों में दर्द समेटे बैठे हैं,.,!!



एक होने नहीं देती है सियासत लेकिन
हम भी दीवार प दीवार उठाए हुए हैं,.,!!



या तो मिट्टी के घर बनाओ मत
या घटाओं से खौफ़ खाओ मत,.,!!



गरीबी इतनी कि i phone है हाथों में..
अमीरी इतनी के आलू सही लगाओ..!!



अक्सर भूल भी जाता हूँ मैं तुझे.. शाम की चाय में.. चीनी की तरह..
फिर ज़िन्दगी का फीकापन.. तेरी कमी का एहसास दिला देता है,.,!!



परवाह नही चाहे जमाना, कितना भी खिलाफ हो...
चलूगां उसी राह पर , जो सीधा और साफ हो..
और ठेका थोड़ा पास हो,.,!!



चोरी न करें झूठ न बोलें तो क्या करें,
चूल्हे पे क्या उसूल पकाएंगे शाम को,.,?



मैं तो बस ख़ुद्दार था , वो समझा मग़रूर
कारण था निकला नहीं,मुख से शब्द हुजूर,.,!!



रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ,.,!!



हावी जब होने लगें ,दिल पर कुछ जज्बात ।
तुरत पकड़ प्रिय को किसी, कह दो मन की बात ,.,!!



दुनिया के सितम याद न अपनी ही वफ़ा याद
अब मुझ को नहीं कुछ भी मोहब्बत के सिवा याद,.,!!



नफ़रतों की जंग में देखो तो क्या क्या हो गया
सब्ज़ियाँ हिन्दू हुईं बकरा मुसलमाँ हो गया,.,!!



कोई टोपी तो कोई अपनी पगङी बेच देता है,
मिले अगर भाव अच्छा, जज भी अपनी कुर्सी बेच देता है,
तवायफ फिर भी अच्छी, कि वो सीमित है कोठे तक,
पुलिस वाला तो चौराहे पर, वर्दी बेच देता है,.,!!!




चला तो मेरे साथ चले थे काफिले
लगा जो काँटा तो अकेला ही रुका मैं ,.,!!




बड़े खुश थे वो, मैने कमियाँ दुसरो की गिनाई तब तक
बारी उनकी आई तो बुरा मान गए ...!!



ये बिगाड़ देती है, ये संवार देती है..
सौबत जरा सोच समझकर किया किजै..!!



मुझे गिराने में ताक़त लगाई है जितनी
तू उस से कम में मुझे पीछे छोड़ सकता था,.,!!




जरूरते ले जाता है दफ्तर में..
और खुशियां घर लाता है..
वो पिता होने के बाद..
खुद के लिए कहाँ जीता है..!!



अजब ये ज़िंदगी की क़ैद है दुनिया का हर इंसाँ
रिहाई माँगता है और रिहा होने से डरता है,.,!!



पलकों तक जमी हुई आँखों में काई अब कौन रखता है,
तक़दीर जिससे लिखी गई वो स्याही अब कौन रखता है,.,!!



मजबूरियाँ हैं कुछ मेरी मैं बेवफा नहीँ,
सुन यह वक्त बेवफा है मेंरी खता नही,.,!!



तुम छत पे नहीं आये मैं घर से नहीं निकला
ये चाँद बहुत भटका सावन की घटाओं में...!!!



ख़ुद को बिखरते देखते हैं कुछ कर नहीं पाते हैं
फिर भी लोग ख़ुदाओं जैसी बातें करते हैं,.,!!




मेरे होने में किसी तौर से शामिल हो जाओ
तुम मसीहा नहीं होते हो तो क़ातिल हो जाओ,.,!!




माह-ए-नौ देखने तुम छत पे न जाना हरगिज़
शहर में ईद की तारीख़ बदल जाएगी,.,!!



मुमकिन है सफ़र हो आसाँ अब साथ भी चल कर देखें
कुछ तुम भी बदल कर देखो, कुछ हम भी बदल कर देखें,.,!!



बादलों से छूटकर ,,,
बुँदे मेरे आँगन में नाचने आई है ,,😍😍❤❤






अब जिसके जी में आए वही पाए रौशनी
हमने तो दिल जला के सर-ए-आम रख दिया,.,!!



जितना कम सामान रहेगा, उतना सफ़र आसान रहेगा
जब तक भारी बक्सा होगा, तब तक तू हैरान रहेगा..!!



या तो मिट्टी के घर बनाओ मत
या घटाओं से खौफ़ खाओ मत !!



मन्दिर , मस्जिद जुबा जुबा पर,और युग बीत गई सारी
न कॊई नमाजी ही बन पाया,और न ही बना कॊई पुजारी,.,!!



बहुत कोशिश की आज 'सिर्फ' बारिश पर शायरी लिखु
पर हर बौछार 'सिर्फ' तुम्हारी याद बरसा रही थी ,.,!!



मोहब्बत में जबरदस्ती अच्छी नहीं होती,
तुम्हारा जब भी दिल चाहे मेरे हो जाना..!!!



बडी लंबी गूफ्तगू करनी है मुझको तुम से ,
तुम आना...मेरे पास
एक पूरी ज़िंदगी लेकर....!!



अब घर भी नहीं घर की तमन्ना भी नहीं है
मुद्दत हुई सोचा था कि घर जाएँगे इक दिन,.,!!



अब न वो शोर न वो शोर मचाने वाले
ख़ाक से बैठ गए ख़ाक उड़ाने वाले,.,!!




कितने उलझे, कितने सीधे ..
रस्ते, उन के रंग-महल के .,.!!



मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ मगर इतना तो बता
देख कर मुझको तेरे ज़ेहन में आता क्या है,.,!!



पड़ोसी, पड़ोसी से बेखबर होने लगा है
बधाई हो ! अब ये गाँव शहर होने लगा है,.,!!



ख़ुदगर्ज़ी छुपी रहती है इश्क़ के हर जज़्बात में-
मालूम है मुझे, जँचती हु मैं बस तुम्हारे साथ में,.,!!



मुझ को तो होश नहीं तुम को ख़बर हो शायद
लोग कहते हैं कि तुम ने मुझे बर्बाद किया,.,!!



इस से बेहतर जवाब क्या होगा
खो गया वो मिरे सवालों में,.,!!



तेरे होंठो में भी क्या खूब नशा है ,.,
लगता है तेरे जूठे पानी से ही शराब बनती है ,.,!!




Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-25

कुछ न था मेरे पास खोने को
तुम मिले हो तो डर गया हूँ मैं,.,!!

Kuchh na tha mere pas khone ko
Tum mile ho to dar gaya hu main



तितलियाँ उड गईं लौटा के मुहब्बत मेरी,
मैं ने भी छोड दिया रंगों को सादा कर के !!

Titaliyan ud gayi lauta ke mohabbat meri
Maine bhi chhod diya rango ko sada karke



रफ़्ता रफ़्ता धड़कनों से रूह का नाता छूटा हैं,
इस खामोश मोहब्बत में दिल बड़े शोर से टूटा हैं,.,!!

Rafta rafta dhadkano se rooh ka naata chhoota hai
Is khamosh mohabbat me dil bade shor se toota hai



कोशिश बहुत की के राज़-ए-मोहब्बत बयाँ न हो
पर मुमकिन कहां है के आग लगे और धुआँ न हो,.,!!

Koshish bahot ki ke raj-e-mohabbat bayan na ho
Par kahan mumkin hai ke aag lage aur dhuan na ho



बस एक ही ख्वाब देखा है कई बार मैंने ,.,
तेरी साड़ी में उलझी हैं चाभियां मेरे घर की ,.,!!

Bas ek hi khwaab dekha hai kai baar maine
Teri saadi me ulajhi hain chabhiyan mere ghar ki



इश्क़ उदासी के पैग़ाम तो लाता रहता है दिन रात
लेकिन हम को ख़ुश रहने की आदत बहुत ज़ियादा है,.,!!

Ishq udaasi ke paigaam to lata rahta hai din raat
Lekin hamko khush rahne ki aadat bahot jyada hai



इश्क़ था और अक़ीदत से मिला करते थे
पहले हम लोग मोहब्बत से मिला करते थे,.,!!

Ishq tha aur akeedat se mila karte the
Pahle ham log mohabbat se mila krte the




मेरे दिल की परेशानी भला क्यों कम नहीं होती,
भरा है दिल मेरा गम से,ये आंखे नम नहीं होती...!!!

Mere dil ki pareshani bhala kyo kam nahin hoti
Bhara hai dil mera gam se, ye aankhe nam nahi hoti



क्या ग़लत है जो मैं दीवाना हुआ, सच कहना
मेरे महबूब को तुम ने भी अगर देखा है,.!!

Kya galat hai jo main deewana hua, sach kahna
Mere mehboob ko tumne bhi agar dekha hai



तन्हाई में भी कहते है लोग, जरा महफ़िल में जिया करो
पैमाना लेके बिठा देते है मैखाने में, और कहते है जरा तुम कम पिया करो..!!

Tanhai me bhi kahte hain log, jara mehfil me jiyaa kro
Paimana leke bitha dete hai maikhane me, aur kahte hain jara tum kam piya karo



छटा चांदनी बिखरे थी, निखरा था महताब।
घडी मिलन की बेला पर, आफताब बेताब

Chhata chandini bikhre thi, Nikhra tha mehtaab
Ghadi milan ki bela par aaftaab betaab



उनके नयनों में मेरे ख्वाबों का पलना बाकी है,
मेरे प्रेम का दीपक उनके दिल में जलना बाकी है.,.!!

रुकने दो मुझको थोडा तुम कुछ पल राहे तकने दो,
इन गलियों में अब तक मेरा चाँद निकालना बाकी है,.,!!

Unke nayano me mere khwabon ka palna baaki hai
Mere prem ka deepak unke dil me jalna baaki hai

Rukne do mujhko thoda tum kuchh pal raahe takne do
In galiyon me ab tak mera chand nikalna baaki hai



जख्म गरीब का कभी सूख नहीं पाया,
शहजादी की खरोंच पे तमाम हकीम आ गए,.,!!

Zakhm gareeb ka kabhi dookh nahi paya
Shehzaadi ki kharoch pe tamam hakeem aa gaye



और अब हादसे भी हैरान हैं गुजर कर मुझसे ।
मैं उजड़ने के बाद भी बसा हुआ लगता हूँ ।।

Aur ab hadse bhi hairan hai gujar kar mujhse
Main ujadne ke baad bhi basa hua lagta hun



पूछा हाल शहर का तो,सर झुका के बोले,
लोग तो जिंदा हैं,जमीरों का पता नही,.,!!

Poochha haal shehar ka to sar jhuka ke bole
Log to jinda hain, jameeron ka pata nahi



हम किसी और को दे सकने के काबिल क्या हैं
हाँ, कोई चाहे तो जीने की अदा ले जाए..!!

Ham kisi aur ko de sakne ke kaabil kya hain
Han koi chahe to jeene ki adaa le jaye



बेगुनाह कोई नहीं,
सबके राज़ होते हैं...
किसी के छुप जाते हैं,
किसी के छप जाते हैं...!!

Begunaah Koi nahi
Sabke raaj hote hain
Kisi ke chhup jate hain
Kisi ke chhap jate hain



अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए,.,!!

Azeez itna hi rakho ke jee sambhal jaye
Ab is kadar bhi na chaho ke dam nikal jaye



वो जो मरने पे तुला है 'अख़्तर'
उस ने जी कर भी तो देखा होगा,.,!!

Wo jo marne pe tula hai akhtar
Usne jee bhar ke bhi to dekha hoga




कैसा लगता है तुमको पनाहों में आकर
नैना कुछ बोल रहे हैं निगाहों में आकर,
क्या रंग डालूँ तुम पर जब तुम
वैसे ही गुलाबी हो गयी बाहों में आकर,.,!!