रास्ता मैं बतलाता हूँ - Hindi Poem By Ashish Awasthi Posted By: RAZI(shayari) May 16, 2017 Leave a Reply राहों के पत्थर देखे इतनेके अब नहीं संभल पाता हूँअपने पीछे चलते चलतेखुद से दूर निकल जाता हूँअब तो कोई रोक लो आकेमैं लीक तोड़ कर जाता हूँफिर न कहना, के कहा नहीं ?सब पहले से बतलाता हूँझूमो तुम सब मैखाने जाकरआओ ,रास्ता मैं बतलाता हूँ।। Categories: 2 Liners Ashish Awasthi Hindi Font Hindi Kavita Continue reading
मजदूर नहीं तो कुछ नहीं (Majdoor Diwas Par Vishesh) - Hindi Poem By Ashish Awasthi Posted By: RAZI(shayari) May 01, 2017 Leave a Reply मजदूर नहीं तोहम नहीं, आप नहींपुल नहीं,सड़क नहींकारखानों में भाप नहींघर नहीं, नगर नहींविकास का कोई माप नहींमज़बूरी नहीं,लाचारी नहींगरीबी का ये सांप नहींमेहनत नहीं, मजदूरी नहींआराम का हिसाब नहींकारखाने नहीं, उद्योग नहींपेट की ऐसी आग नहींकपडे नहीं, खाना नहींरहने को निवास नहींकुएं नहीं , नहर नहींबुझती कभी प्यास नहींमजदूर नहीं तो कुछ नहींहम नहीं , आप नहीं|| Categories: Ashish Awasthi Hindi Font Hindi Kavita Kavita Majboor Majdoor Diwas Continue reading